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Sunday, April 5, 2015

लवली हो लव

लवली हो लव करेंगे आज फ्लर्ट डार्लिंग ।
धक् धक् पुकारता है देख हर्ट डार्लिंग  ।।
मौसम है खिले डाल दाल पर जवाँ कुसुम +
मौक़ा है झूमें गायें कभी हम तो कभी तुम +
डार्लिंग  +डार्लिंग  +डार्लिंग  + डार्लिंग +

होली में जरूरी हो अंग अंग कलरफुल
जानम मदन बदन में बजाने लगा बिगुल
दिल दिल से मिला दिल करे अलर्ट डार्लिंग ।

चोली चुनर के दिन गए न डाल ओढ़नी
डिस्को में कब सकेगी भी सँभाल ओढ़नी
स्लिम जिस्म पर फबेगी स्कर्ट डार्लिंग  ।।

फीगर से माना जान ए जिगर तू है ब्यूटी क्वीन
खुशबू से महक जाए मौसम है तू हसीन
मैं भी हूँ डिस्को डान्स इक्स्पर्ट डार्लिंग ।।

आपका

वल्लाह लेगा जान इक दिन  मुस्कुराना आपका।
अच्छा नहीं ख़्वाबों में आना और जाना आपका।
दिल दर्द की बारादरी  कुर्बान जिस पर शायरी
ये दिल के नाले दर्द के और गुनगुनाना आपका ।
गीतओग़ज़ल के दौर में ऐसा वजन कब और में
देखा है छुप फूलों में खुलकर मुस्कुराना आपका
करके वफ़ाएं हर दफा नजरों से देखा है  खफ़ा
अहसास हो क्यों हो गया सारा ज़माना आपका ।
हर खेल का जरिया है दिल
हर दर्द का दरिया है दिल
जब भी लगा तीरएनज़र पाया निशाना आपका ।
जीना भी इन हालात में यादों की इस बारात में
शामिलभीकातिलकीतरहतोहमतलगाना आपका
चाहा फ़ना हो हर खुशी दिल भी जला की रोशनी मालिक रखे रोशन दुआ यह आशियाना आपका दिनरात के शिकवेगिले कितनेअजब येसिलसिले
देखा भी आईने में खुद से ही लजाना आपका ।
बरबाद हो जाने भी दे बुनियाद हो जाने भी दे 
दीवानएलब पर रह सके जिन्दा फ़साना आपका

          

किसी से प्यार कर लो

साथियों क्या आता है तराना कोई प्यार का ।
खुद का भी गुजरा ज़माना कोई प्यार का ।
लुट गया या कि हो खजाना कोई प्यार का।
छोड़िये भी गायें आ तराना कोई प्यार का ।।

किसी से प्यार कर लो
मुस्कुराना आ ही जाएगा ।
कसम चाहत की हँसना क्या 
हँसाना आ ही  जाएगा।।

ये दुनियाँ चल रही जिससे 
यकीनन  प्यार  कस्तूरी
अभी श्रृंगार प्यासे ले सजा
हो  ख़त्म  ये  दूरी 
जिगर की धडकनें सुनना
सुनाना आ ही जाएगा ।

लगा लाली ले गालों से
लबों पर भी तबस्सुम हो
जुबाँ पर हो ग़ज़ल या गीत
साँसों में तरन्नुम हो ।
किसी के दिल में जा बसना
बसाना आ ही जाएगा ।

जरूरी है कभी आँखों से
बाहर झाँक लो पहले
चुनर चाहत की ओढ़ो पर
सितारे टांक लो पहले 
उठा लो आइना सजना
सजाना आ ही जाएगा ।

खिलें तन मन रँगें आओ
अबीरों से गुलालों से
झरें वे  इन्द्रधनुषी रंग सब
आँखों के प्यालों से ।
रँगों में प्यार के रँगना
रंगाना आ ही जाएगा ।।

वक़्त आया आओ

वक़्त आया आओ कुछ अब काम की बातें करें
सब से पहले सुरमई इस शाम की बातें करें  ।
दे रही कब से सदायें सुन तुझे जान ए ग़ज़ल
कल से पहले आज की ,गुलफाम की बातें करें ।
मस्तियों में रहते रब का नाम लेना बन्दगी
मन के मधुबन बीच राधेश्याम की बातें करें ।
ये ज़माना जिस नशे की लत में दीवाना रहा
आँख से पी लें निगाह ए जाम की बातें करें  ।
दिल बड़ा गुस्ताख़ माने कब न जब तक राख हो
दिल बड़ा नाजुक न क़त्ल ए आम की बातें करें ।
दाग़ दामन पर सभी के प्यार के गहरे मिले
फिर किसीसेकिसकेकिस इल्जामकी बातें करें।।

वक़्त की गर्दिश में शायर शायरी रह जायेगी ।
कूच कर जायेंगे आशिक़ आशिक़ी रह जायेगी ।
दुश्मनी ऐसी हो जब फिर दोस्त हों सच फ़ख्र हो
दुश्मनी तो चार दिन बस दोस्ती रह जायेगी  ।।।

पिला दे

आब ए हयात तल्खियों में लब की मिला दे ।
आकर कोई मदहोश निगाहों से पिला दे  ।।
दीवानगी की हद से गुजरती हों अदाएं
लहरायें दर ए दौस वो जुल्फों की घटायें
तन्हाइयों की संग की बुनियाद हिला  दे  ।।
कमतर तो हो अहसास की परछाइयों का ग़म
देखे तो दौर ए सब्र भी अंगडाईयो का दम 
साँसों के सदके आहों से शिकवा न सिला दे ।।
आहों की बाहों सांस की शहनाइयां लुटें
बाकी जो सब्ज ओ बाग़ की रानाइयां लूटें
शिद्दत से लुत्फ़ ओ इश्क के फिर फूल खिला दे।
भटके हैं दर ब दर यूँ की हासिल हो आसमां
बुजदिल ये दिल हो लाख अभी तक रहा जवाँ
तहजीब से लजीज वो कुदरत का किला दे ।
इक रात में शामिल ये सारी कायनात हो
आब ए हयात पीते गुज़रती हयात हो
धड़कन सुने भी फिर भी न धड़कन से गिला दे ।

निर्वाचन

व्यापारी भारत के लीडर
कपटी केवल कंट्री फीडर
सूरत पर दे नए मुखौटे
पांच वर्ष में घर को लौटे
चरण चूमते कहें निभायेंगे वे दिए वचन ।
जन जन दे मत जीते हम साँसद का निर्वाचन ।
चुनें किसे सौ प्रतिशत नेता कोई भी है कलंकी है
नेता की नजरों में जनता डंकी नेता मंकी है
नटवर नेता रास रचाएं संसद है निधि वन ।
राष्ट्र पिता के नाम रहे हैं बापू लूट लँगोटी भी
कँगले छीन रहे भूँखी जनता के मुख से रोटी भी। बेदर्दी जिन्दा लाशों के लुटे नित्य कफ़न  ।।
बगुलों की बेइज्जती इन्हें बगुला मत कहना बाज़ हैं ये
भोग रहे जन्नत के सुख बस वोटों के मोहताज हैं ये
वर्षों से लूटते देश सब सत्ता से बन्धन  ।।

चुप मत रहो

व्यर्थ सच आश्वासनों के ब्यूह में यह युद्ध प्यारे ।
सत्य सत्कर्तब्य का पथ हो गया अवरुद्ध प्यारे ।
वह समयआयाकिजीना व्यर्थ बनकर बुद्ध प्यारे । कर्म निष्फल रह न जावें पंथ चुन लो शुद्ध प्यारे ।
कर्म पथ पर तोड़ती दम आहटों -चुप मत रहो ।।
कह रही जलधार हे गुमसुम तटों-चुप मत रहो ।।
सत्य यह मालिन्य ने मन के सदा पग पग छला है सत्ययह स्वातन्त्र्यनिशिदिन दासता में ही पला है
सत्य सहचरसुफलका ध्रुवसत्यनितसचहीफला है सत्य वह ही लक्ष्य पाए जो अकेला ही चला है
कह रही पथगा सुनो अक्षय वातों चुप मत रहो ।।
वस्तुतः जीवन मरण का ज्ञानही जीवन निकषहै
मृत्युनिश्चितक्योंवृथातबमृत्युभयजनमनविवशहै ?
सचअसतके हाथअपनाश्रेयध्वजकविताकलशहै
लुट रहा बचपन तुम्हारा लुट रही मुस्कान बच्चों
सत्य भारत राष्ट्र को तुमसे मिला नित मान बच्चों
सत्य पर संकोच के ऐ घूंघटों - चुप मत रहो  ।।।