वर्ष दो हज़ार ग्यारह बीत गया रे
वर्ष दो हज़ार बारह गीत नया रे
कल भूल जाएँ झूमें नाचें गायें हम I
जय हिंद जय हिन्द वन्दे मातरम् I
एक रहे एक हैं , रहें भी एक हम i
जय हिन्द जय हिन्द वन्दे मातरम् //
बीता हुवा कल तो रुलाता रहा रे ,
सपनों के झूलों में झुलाता रहा रे ,
तंग करता ही रहा रोने न दिया -
आधे भूँखे प्यासे ये सुलाता रहा रे ,
कहे नहीं जाते बेशुमार ऐसे ग़म /
जय हिंद जय हिंद वन्दे मातरम् /
कवि हो कोई हो गीतकार देश का ,
सुना भी न जाए सीत्कार देश का ,
कविता गज़ल गीत छंद लेख में -
भरते रहे हैं चीत्कार देश का ,
रखवाले ढाते ऐसे जुल्म-ओ -सितम /
जय हिन्द जय हिन्द वन्दे मातरम् /
रोज नयी जंग से सगाई हो गयी
वर्ष दो हज़ार बारह गीत नया रे
कल भूल जाएँ झूमें नाचें गायें हम I
जय हिंद जय हिन्द वन्दे मातरम् I
एक रहे एक हैं , रहें भी एक हम i
जय हिन्द जय हिन्द वन्दे मातरम् //
बीता हुवा कल तो रुलाता रहा रे ,
सपनों के झूलों में झुलाता रहा रे ,
तंग करता ही रहा रोने न दिया -
आधे भूँखे प्यासे ये सुलाता रहा रे ,
कहे नहीं जाते बेशुमार ऐसे ग़म /
जय हिंद जय हिंद वन्दे मातरम् /
कवि हो कोई हो गीतकार देश का ,
सुना भी न जाए सीत्कार देश का ,
कविता गज़ल गीत छंद लेख में -
भरते रहे हैं चीत्कार देश का ,
रखवाले ढाते ऐसे जुल्म-ओ -सितम /
जय हिन्द जय हिन्द वन्दे मातरम् /
रोज नयी जंग से सगाई हो गयी
महँगी आज़ादी की लड़ाई हो गयी ,
मुख के निवाले तो घोटाले ले गए
मालदार बस महँगाई हो गयी ,
गिरवीं हो जाए न तिरंगा परचम /
जय हिंद जय हिंद वन्दे मातरम् ll
मुख के निवाले तो घोटाले ले गए
मालदार बस महँगाई हो गयी ,
गिरवीं हो जाए न तिरंगा परचम /
जय हिंद जय हिंद वन्दे मातरम् ll
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