वन्दे वाणी विनायकौ * सेवा लक्ष्य परम * वन्दे मातरम् ।।
वर्ष 2014ई .में अन्नपूर्णा साहित्य संगम सीतापुर के प्रथम वार्षिकोत्सव अवसर पर साहित्य अनुरागी प्रेरक जन का
सतत अभिनन्दन ।वर्ष 1993ई.में पूजनीया माता श्रीमती आशा देवी -पूज्यपिता श्री शंभू दयाल द्विवेदी जी के शुभाशीष की छाँव में पाँव पाँव सफलता सोपान चढ़ते विश्व पटल पर
उपलब्धियों के शिखर से कुछ कदम दूर , अन्नपूर्णा सेवा संस्थान की साहित्यिक सेवा
भावना का सुफल ,अन्नपूर्णा साहित्य संगम के
दूसरे वर्ष के द्वार पर पधारने ,आपके उत्साहवर्धन के
लिए संस्थान-संगम मन कर्म वचन से आभारी है संस्थान द्वारा जनपद,प्रदेश, के ही नहीं वरन उत्तराँचल के भी विद्यार्थियों को वर्षपर्यन्त सम्पन्न करायी जाने
वाली प्रतियोगिताओं में अलंकृत व पुरस्कृत
किया जाता रहा है ।प्रतिवर्ष प्राथमिक स्तर से महाविद्यालाय स्तर के 15से 20हज़ार विद्यार्थी
प्रतिभागी होते हैं । सांस्कृतिक , शैक्षिक एवं
क्रीड़ा की लगभग 135 प्रतियोगिताओं के वर्ष 2013 की प्रतियोगिताओं के पुरस्कार बितरण
सत्र , अन्नपूर्णा सेवा संस्थान के वार्षिकोत्सव
में दिनाँक 16.02.2014, 02 .03.2014 एवं -23 .03.2014ई. को आप सहृदयता पूर्वक पधार कर अनुग्रहीत करें ,संस्थान उत्साहवर्धन
के लिए सदैव आभारी रहेगा ।
संस्थान के आगामी उपक्रमों में चिकित्सा , विधि तथा वृक्षारोपण के हित में विशेष कार्य
योजना समेत एक शोध पुस्तकालय के शुभारम्भ के लिए प्रयत्नशील अन्नपूर्णा सेवा संस्थान -
अन्नपूर्णा साहित्य संगम द्वारा समायोजित दो दिवसीय साहित्यिक उत्सव एवं सायं6बजे से
कवि संगम की रसधारा में रस पान हेतु सादर
आमंत्रित करते हुए संस्थान गौरवान्वित हो रहा है आप सभी का ह्रदय से वन्दन अभिनन्दन ।
जय हिन्द वन्दे मातरम्
सदैव प्रगतिशील रहे सेवा अभियान ।
सहयोग के लिए कृतज्ञ अन्नपूर्णा सेवा संस्थान ।
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