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Wednesday, September 14, 2011

वन्दन करते हम भाषा का

वन्दन  करते  हम  भाषा  का  ,  माथे   दे  रोली  हिन्दी की  /
अपनी  संस्कृति की स्वर गंगा , जन भाषा बोली  हिन्दी की  /
वन्दन  करते हम भाषा का -------------------------------1

 दासी न रही दरबारों  की,  गलियों  कूचों  की  पटरानी ,
हर परदेशी  चाहे , हिन्दी आये, हम कर लें  , अगवानी  ,
पानी-  पानी हो , हर भाषा ,हिन्दी सम्मुख भरती पानी ,
हिन्दी से जन्मा,हिन्दी , हिन्दी , हिन्दी हर हिंदुस्थानी ,

हिन्दी सा धन जब हाथों में, क्यों मुँह ताकें किस भाषा का ?,
ले लूट न कोई टूट- टूट , फिर    अपनी   डोली  हिन्दी   की  /
वन्दन  करते हम भाषा का ------------------------------१

पर धन !क्यों देखें टुकुर - टुकुर अंजलि में अपनी रत्नाकर ,
दिनकर  का तेज, बिहारी की,  गागर ही में जब हो सागर  ,
हिन्दी  की  मूर्ति  महादेवी , हिन्दी  का दृष्टा ,  नर  नागर  ,
ममतामय प्यार दुलार भरा इस हिन्दी का आखर आखर ,

यह तुलसी का  नैवेद्य मधुर,  रसखान सूर का तुतलापन ,
भारती! प्रसाद  प्रमाद भरा,  मत करो ठिठोली हिन्दी की  /
वन्दन  करते हम भाषा  का  ---------------------------1
जगनिक की जगमग ज्योति जले, दे ओज! चन्द का छन्द- छन्द,
अधरों   पर , राग कबीर भरे, आनन्  ! पर  उमड़े,  ,    घनानन्द !
हर अंग, , निराला   भूषण   है , व्यंजन - व्यंजन     आनंदकंद  ,
अपनी  भाषा  की  मुट्ठी में, हर रस का,  अभिनव  कोष  बन्द  ,

माथे  पर बिंदी ,  भारतेन्दु ,  ऊपर  से  कड़वी   लगे  नीम - 
तल  में,  रहीम रस झीम- झीम , रत्नों की झोली हिन्दी  की  /
   
विज्ञानमयी  भाषा स्वरलिपि , यह नहीं, व्यर्थ की काँव-काँव  ,
अंगुली थामे इस भाषा की, हम ,  चले प्रगति पथ,  पाँव -पाँव  ,
इतनी मधुरा सुगम्य सुफला , सुखदायी   इसकी छाँव  -छाँव ,
किसको  अभिमान नहीं, कविता , कावेरी  बहती,  गाँव -गाँव  ,

उत्तर -दक्षिण  पूरब  पश्चिम  जगती  तल का कोना -कोना -
हिन्दी को चाहे गूँज        रही , हर घर में बोली  हिन्दी  की  / 

हिन्दी अपनी भारत भाषा , अपनी पहचान यही   हिन्दी , 
हिन्दी भारत का यश गौरव , गरिमा का गान यही हिन्दी ,
तम से नव ज्योतिर्मय पथ पर अभिनव सोपान यही हिन्दी,
हर मजहब से निर्बन्ध  बड़ी , आरती   अजान  यही  हिन्दी ,

विद्यालय की आधारशिला  ,यह न्यायालय की सुगम  रीति -
उर्दू  भी सौतन  नहीं  वरन  भगिनी  मुँहबोली   हिन्दी  की   /
वन्दन   करते    हम   भाषा    का  ------------------------//


2 comments:

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

वंदन और नमन हिंदी को ..

virendra said...

वदनीया संगीता जी ,
स्वराष्ट्र भाषा में अनन्य स्नेहिल अभिरुचिपूर्ण उद्गारोक्ति प्रति ह्रदय से आभारी ,,विनयावनत
वीरेंद्र तिवारी