वेद पुराणों में जननी की, जन्मभूमि की कीर्ति बखानी /
आजादी की अज़ब कहानी , कहतीं प्यारी दादी-नानी /
वहशी तुर्कों ने लूटा धन- कंचन , धर्म-कर्म चोरों ने ,
व्यापारी बन हिंद देश को , फिर लूटा पापी गोरों ने /
अलख जगाकर तब स्वराज की , खूब लड़ी झांसी की रानी /
आजादी की अज़ब कहानी , कहतीं प्यारी दादी-नानी /
नेताजी, आज़ाद, भगत, बिस्मिल, सावरकर की गाथाएँ ,
इस धरती पर लाल लुटाती आयीं, हँस -हँस कर मातायें /
मैं तुमको आज़ादी दूँगा , खून मुझे दो हिन्दोस्तानी ,
आजादी की अज़ब कहानी , कहतीं प्यारी दादी-नानी /
तुर्कों , गोरों ,चोर- लुटेरों से बढ़कर भारत के काले ,
परदेशी भर रहे खजाने, काले मुख करते घोटाले /
खून पी रहे , अब ये नेता , बलिदानों की आन न जानी /
आजादी की अज़ब कहानी , कहतीं प्यारी दादी-नानी /
चरखा ! चला , बनाकर खादी , बापू जो लाये आज़ादी ,
खादीधारी , टोपी वालों ने भारत में आग लगा दी /
सत्ताधारी दशाननों ने , सत्य भुला दी वह कुर्बानी /
आजादी की अज़ब कहानी , कहतीं प्यारी दादी-नानी /
राजनीति के रावण देखो , लगा रहे ज़न्नत में सीढ़ी ,
खूनी क्रान्ति , करेगी आज़ादी की , आने वाली पीढ़ी /
बलिदानी गाथाएँ , आज़ादी की -होंगी मात्र निशानी /
आजादी की अज़ब कहानी , कहतीं प्यारी दादी-नानी /
4 comments:
बहुत सुन्दर भाव , वास्तविकता को बयान करती रचना, बहुत सुन्दर ,आभार
सत्ताधारी दशाननों ने , सत्य भुला दी वह कुर्बानी
आजादी की अज़ब कहानी , कहतीं प्यारी दादी-नानी
राजनीति के रावण देखो , लगा रहे ज़न्नत में सीढ़ी
खूनी क्रान्ति , करेगी आज़ादी की , आने वाली पीढ़ी
रचना के माध्यम से यथार्थ का सुन्दर वैचारिक प्रस्तुतिकरण...
बहुत अच्छी रचना ..
तुर्कों , गोरों ,चोर- लुटेरों से बढ़कर भारत के काले ,
परदेशी भर रहे खजाने, काले मुख करते घोटाले /
खून पी रहे , अब ये नेता , बलिदानों की आन न जानी /
आजादी की अज़ब कहानी , कहतीं प्यारी दादी-नानी /
सटीक लिखा है ..
पंजाब एवं बंग आगे, कट चुके हैं अंग आगे|
लड़े बहुतै जंग आगे, और होंगे तंग आगे|
हर गली तो बंद आगे, बोलिए, है क्या उपाय ??
व्यर्थ हमने सिर कटाए, बहुत ही अफ़सोस, हाय !
bahut sundar prastuti ||
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