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Saturday, October 1, 2011

चलो दुश्मन की छाती पर

ये धरती माँ हमारी है , गगन अब तक हमारा है    १
लुटा कैसे भी  हो कितना , वतन अब भी हमारा है  !
हमारे लूट लें सपने भले , नेता ये रखवाले 
शहीदों की शहादत , वो कफ़न अब तक हमारा है  !!

वह देश पर मिटे जो , भूखे भी थे नंगे थे  !
शम्म-ए-वतन की लौ में जले जैसे पतंगे थे १
हँसते लुटाई जान गाते वन्देमातरम ---
कुछ फूल देखे , हाथ में लहराते तिरंगे थे ! जिसके 

सभी हिन्दोस्थानी हैं सभी हैं एक हम लिख दें ! 
हमारी एक खुशियाँ एक हैं रंज-ओ - अलम लिख दें!
वो दौलत क्या है जिसके दम से है ये गुलसिताँ रोशन ,ऍम 
चलो दुश्मन की छाती पर भी  वन्दे मातरम् लिख दें  !१!

हमारे आचरण पर सत्य होंगे रो रहे बापू  १
नहीं तो कब्र में चिर शान्ति में थे सो रहे बापू !
सदा संसार पूजे मैल  मन में मत रहे बापू     !
तुम्हारे नाम पर हम देश अपना ढो  रहे बापू !



1 comment:

रविकर said...

शानदार प्रस्तुति ||
बहुत बहुत बधाई ||