वृन्दावन ! आसवन भक्ति का , नवरस नस-नस मनभावन / वर दें आप, ताप मिट जाएँ , रस बरसे पग-पग पावन / व्यंजन-स्वर परसें मनभावन , नव रस का बरसे सावन / वंदन! वचन सुधा रस चाहे , प्रिय आओ इस वृन्दावन /
खूबसूरत प्रस्तुति |त्योहारों की नई श्रृंखला |मस्ती हो खुब दीप जलें |धनतेरस-आरोग्य- द्वितीयादीप जलाने चले चलें ||बहुत बहुत बधाई ||
मौत का अगर सदा स्मरण रहे तो जीने की कला आ जाये!
बहुत सुंदर !दीपावली पर आपको और परिवार को हार्दिक मंगल कामनाएं !सादर !
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3 comments:
खूबसूरत प्रस्तुति |
त्योहारों की नई श्रृंखला |
मस्ती हो खुब दीप जलें |
धनतेरस-आरोग्य- द्वितीया
दीप जलाने चले चलें ||
बहुत बहुत बधाई ||
मौत का अगर सदा स्मरण रहे तो जीने की कला आ जाये!
बहुत सुंदर !
दीपावली पर आपको और परिवार को हार्दिक मंगल कामनाएं !
सादर !
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