परियों जैसा रूप झूमते रेशम जैसे बाल
अंग अंग में बिजली चमके मस्त मोरनी चाल
अधरों पर अंगारे काले नयना कूलिंग फैन ।
आजा ज़रा मिला ले नैन धन्नो हम भी जेंटलमैन
भूतों जैसी सूरत देखो पिचके पिचके गाल
झींगुर जैसी काया कपड़ों में झलके कंकाल
धन्नो हेवन की शैम्पेन सॉरी मैं न मिलाऊँ नैन ।
आँखों से छलके अंगूरी बॉडी ब्रेड जैसे तन्दूरी
आजा मैं सपनों का राजा कर दूंगा रातें सिन्दूरी आई लव यू कह भी आ मत जाए कोई विलेन ।
मैं हूँ लवली रेफ्रीजेटर तुझसे सुन्दर मेरे वेटर
स्वप्न सुन्दरी हो न सकेगा जोकर तू मेरा रेगुलेटर
प्यारा तुझसे ज्यादा घर जो नौकर धोये पैन ।
जाननहीं मैं बैडकरेक्टर करतेहैंसम्मान कलेक्टर
तार पुराने होनेसेक्या साँसों का मैं बेस्ट कनेक्टर
धड़ धड़ ह्रदय धड़कता उड़ता जैसे एरोप्लेन ।
झूमज़रा आमेरीहेलेन अभी चलासकताहूँ बेलन
कानपकड़करतौबाजायेंगेनकभीहमकविसम्मलेन सुपर कुकर हूँ किचेन संभालूँ नखरे ये दिन रैन ।
मुझे पता है तेरी हैबिट ढली एज में भी है रैबिट
कानखोल सुनले रे सूरा मेरे साथ न तू होगा फिट
लम्ब्रेटा जैसा तू मैं जादुई मारुती वैन ।
कायाक्याकंकालबहुतहै अभीनसोंमेंमालबहुतहै
हिलजातेसुनते दिलसबके गीतोंमेंभूचाल बहुत है रोम रोम झूमेगा मैं भी सिक्स एक्स रम कैन ।
सवा लाख की सिल्केन सारी
नस नस नवरस की किलकारी
मुझ पर चले न तेरा जादू
सुन इतना वीरेन्द्र तिवारी
सड़क छाप मजनू भी तुझ्से बढ़कर मेरे फैन ।
सॉरी मैं
वृन्दावन ! आसवन भक्ति का , नवरस नस-नस मनभावन / वर दें आप, ताप मिट जाएँ , रस बरसे पग-पग पावन / व्यंजन-स्वर परसें मनभावन , नव रस का बरसे सावन / वंदन! वचन सुधा रस चाहे , प्रिय आओ इस वृन्दावन /
Tuesday, March 31, 2015
परियों जैसा रूप
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