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Tuesday, March 31, 2015

कुण्डलियाँ

सत्य प्राणघाती हुए राजनीति के लोग  ।
खोल कपाट विवेक के मत का करें प्रयोग ।।
मत का करें प्रयोग रहें तन मन से चंगे  ।1
चुनें न उनको जो फ़ितरत में कजोर लफंगे ।।
कविताई में युक्ति कहें वीरेन्द्र  तिवारी ।।।
शोषण नहीं करे पोषण सरकार हमारी ।।।

वंदन जन जन को नमन नेता सब बे ईमान ।
हैं कुपात्र पर हो गए भारत के भगवान  ।
भारत के भगवान यान से आते जाते ।
जनता से वीरेन्द्र शेष सच मत के नाते ।
किसी कुपात्री को अमृत मत दान न करना ।
उचित प्रयोग करो मत को कुर्बान न करना ।

आज़ादी में लीडरों ने दी निशि दिन चोट ।
रक्तबीज होते गए लूट लूट कर वोट ।
लूट लूट कर वोट नए करतब दिखलाते ।
पाँच वर्ष में जन अधिकार हजम कर जाते ।
व्यर्थ बन्दरों को वीरेन्द्र न देना  छूरा  ।
कपटी लीडर देश हजम कर लेंगे पूरा ।

मत के उचित प्रयोग का सब का हो अभियान ।
जन  मत से सम्पन्न हो सब विधि हिन्दुस्तान  ।
सब विधि हिन्दुस्तान मिटे सारी निर्धनता ।
विकसित हो सुख शान्ति पुष्ट हो ऐसे जनता ।
सच्चाई की राह चले सरकार हमारी ।
दुनियाँ गाये गीत रचे वीरेन्द्र  तिवारी ।।।

पण्डित मुल्ला हो कोई कुर्मी काछी जाट ।
वोट उसे कर दे खड़ी घोटालों की खाट ।
घोटालों की खाट बन्द हों  काले धन्धे ।
लोग गाँठ के पूरे रहें न हों पर अन्धे  ।
चलो उठें वीरेन्द्र उन्हें अब वोट करेंगे ।
चुनें उन्हें दें वचन न कोई खोट करेंगे  ।

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