विजेट आपके ब्लॉग पर

Sunday, April 5, 2015

आपका

वल्लाह लेगा जान इक दिन  मुस्कुराना आपका।
अच्छा नहीं ख़्वाबों में आना और जाना आपका।
दिल दर्द की बारादरी  कुर्बान जिस पर शायरी
ये दिल के नाले दर्द के और गुनगुनाना आपका ।
गीतओग़ज़ल के दौर में ऐसा वजन कब और में
देखा है छुप फूलों में खुलकर मुस्कुराना आपका
करके वफ़ाएं हर दफा नजरों से देखा है  खफ़ा
अहसास हो क्यों हो गया सारा ज़माना आपका ।
हर खेल का जरिया है दिल
हर दर्द का दरिया है दिल
जब भी लगा तीरएनज़र पाया निशाना आपका ।
जीना भी इन हालात में यादों की इस बारात में
शामिलभीकातिलकीतरहतोहमतलगाना आपका
चाहा फ़ना हो हर खुशी दिल भी जला की रोशनी मालिक रखे रोशन दुआ यह आशियाना आपका दिनरात के शिकवेगिले कितनेअजब येसिलसिले
देखा भी आईने में खुद से ही लजाना आपका ।
बरबाद हो जाने भी दे बुनियाद हो जाने भी दे 
दीवानएलब पर रह सके जिन्दा फ़साना आपका

          

No comments: