विजेट आपके ब्लॉग पर

Sunday, April 5, 2015

वक़्त आया आओ

वक़्त आया आओ कुछ अब काम की बातें करें
सब से पहले सुरमई इस शाम की बातें करें  ।
दे रही कब से सदायें सुन तुझे जान ए ग़ज़ल
कल से पहले आज की ,गुलफाम की बातें करें ।
मस्तियों में रहते रब का नाम लेना बन्दगी
मन के मधुबन बीच राधेश्याम की बातें करें ।
ये ज़माना जिस नशे की लत में दीवाना रहा
आँख से पी लें निगाह ए जाम की बातें करें  ।
दिल बड़ा गुस्ताख़ माने कब न जब तक राख हो
दिल बड़ा नाजुक न क़त्ल ए आम की बातें करें ।
दाग़ दामन पर सभी के प्यार के गहरे मिले
फिर किसीसेकिसकेकिस इल्जामकी बातें करें।।

वक़्त की गर्दिश में शायर शायरी रह जायेगी ।
कूच कर जायेंगे आशिक़ आशिक़ी रह जायेगी ।
दुश्मनी ऐसी हो जब फिर दोस्त हों सच फ़ख्र हो
दुश्मनी तो चार दिन बस दोस्ती रह जायेगी  ।।।

No comments: