साथियों क्या आता है तराना कोई प्यार का ।
खुद का भी गुजरा ज़माना कोई प्यार का ।
लुट गया या कि हो खजाना कोई प्यार का।
छोड़िये भी गायें आ तराना कोई प्यार का ।।
किसी से प्यार कर लो
मुस्कुराना आ ही जाएगा ।
कसम चाहत की हँसना क्या
हँसाना आ ही जाएगा।।
ये दुनियाँ चल रही जिससे
यकीनन प्यार कस्तूरी
अभी श्रृंगार प्यासे ले सजा
हो ख़त्म ये दूरी
जिगर की धडकनें सुनना
सुनाना आ ही जाएगा ।
लगा लाली ले गालों से
लबों पर भी तबस्सुम हो
जुबाँ पर हो ग़ज़ल या गीत
साँसों में तरन्नुम हो ।
किसी के दिल में जा बसना
बसाना आ ही जाएगा ।
जरूरी है कभी आँखों से
बाहर झाँक लो पहले
चुनर चाहत की ओढ़ो पर
सितारे टांक लो पहले
उठा लो आइना सजना
सजाना आ ही जाएगा ।
खिलें तन मन रँगें आओ
अबीरों से गुलालों से
झरें वे इन्द्रधनुषी रंग सब
आँखों के प्यालों से ।
रँगों में प्यार के रँगना
रंगाना आ ही जाएगा ।।
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